Sunday, May 5th, 2024

केंद्रों पर 500 रुपए की रिश्वत लेकर खोल रहे भोज विद्यार्थियों के गेप

भोपाल। 

भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर ने क्षेत्रीय केंद्रों पर आरोप लगाया है कि वे विद्यार्थियों से 500-500 रुपए लेकर गेप खोल रहे हैं। रिश्वत लेने की इस बात का सभी केंद्र विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कुलपति ने उनके खिलाफ गलत आरोप लगाया है। विवि को ऐसा लगताहै कि वे रिश्वत लेकर कार्य कर रहे हैं, तो विविस्वयं ही गेप खोलने की व्यवस्था जमाए। 

अपनी डिग्री को बीच में छोड़कर विद्यार्थी दूसरे काम में लग जाते हैं। अब विद्यार्थी अपनी डिग्री पूरा करना चाहते हैं,जिसके लिए गेप खोलने के लिए भोज को आवेदन कर रहे हैं। केंद्र विद्यार्थियों से 500-500 रुपए लेकर उनके गेप रीजनल केंद्रों से खुलवा रहे हैं। ये आरोप कुलपति सोनवलकर ने रीजनल केंद्रों के निदेशक की बैठक में दौरान लगाए हैं। आरोप का सभी निदेशकों ने विरोध किया है। वहीं रजिस्ट्रार एचएस त्रिपाठी ने कुलपति सोनवलकर के आरोप को खंडित करते हुए कहाकि इस तरह की लिखित शिकायतें भोज को मिल रही हैं, लेकिन उनके कोई प्रमाण शिकायत के साथ नहीं भेजे जा रहे हैं। बिना आधार की ऐसी शिकायतों को नजरअंदाज करना चाहिए। शिकायत देने वाले व्यक्ति के पाते पर पत्र लिखकर शिकायत को पुख्ता करना चाहिए। वहीं केंद्रों ने कुलपति सोनवलकर के खिलाफ मोर्चा खोलकर कहाकि उनके द्वारा कोई रिश्वत नहीं ली जा रही है। विवि को ऐसा लगता है कि वे 500-500 रुपए लेकर गेप खोल रहे हैं तो विवि स्वयं ही गेप खोलने का कार्य शुरू क्यों नहीं कर देते हैं। 

कैसे होता गेप 

विद्यार्थी अपनी डिग्री करते समय बीच में ही किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देते हैं। एक या दो साल के बाद वे डिग्री पूरी करने के लिए केंद्र पर पहुंचते हैं। इस दौरान होने वाले गेप के कारण विद्यार्थी अपनी आगामी परीक्षा मेंशामिल नहीं हो सकते हैं। उन्हें अपनी डिग्री को पूरा करने के लिए गेप को भरने के लिए एक आवेदन देना होता है। रीजनल केंद्र उनके आवेदन को स्वीकृत कर आनलाइन जमाकर उनके गेप को खोलकर आगामी परीक्षा में शामिल करने के लिए पात्रता दे देता है। इसके बाद वे परीक्षा में शामिल होकर अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं। 

 

 

संबंधित ख़बरें

आपकी राय

12 + 10 =

पाठको की राय